
,,,,जिला रायगढ़
रिपोर्टर ,,,,,सूरज यादव
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छत्तीसगढ़ ,, यूपी में हार के बाद अपने आप को तैयार कर छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव 2023 में पूरे दमखम के साथ अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
छत्तीसगढ़ में ,तीसरी शक्ति ,के रूप में भले ही बीएसपी रही है मगर सीटों की संख्या दहाई तक नहीं पहुंच पाई।
1984 से बहुजन समाज पार्टी बनने के बाद अभी तक 90 विधानसभा में केवल 2 सीटों पर सिमटी है , जेजेपुर, विधानसभा और पामगढ़ विधानसभा ,में जीतने के बाद अभी तक कहीं भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है ।

वैसे तो भटगांव। अकलतरा जांजगीर ,कटघोरा ,चंद्रपुर सारंगढ़ एवं रामपुर विधानसभा में अगर प्रयास करें तो वह सीटें निकाल सकती है। मगर कोई बड़ी रैली ,आम सभा, या सड़कों पर धरना प्रदर्शन नहीं करने की वजह से जनता में खरी नहीं उतरती।
बहुजन समाज पार्टी के मुखिया बहन मायावती के नेतृत्व में उनके आदेश के फरमान से कार्यकर्ता ,एवं वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर एवं राज्यसभा के सांसद पहुंचकर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं ।मायावती ने दावा किया कि एवीएम हटाकर दिखाओ, बैलट से वोट करा के दिखाओ, तब भाजपा कांग्रेस को बीएसपी के ताकत का अंदाजा हो जाएगा ।चुनाव आयोग बैलेट पेपर से चुनाव करें ,तो बीएसपी छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश, ही नहीं लोकसभा में भी 50 से अधिक सीटें जीत सकती है। एबीएम मशीन पर बीएसपी एवं मायावती ने कई बार इस संबंध में चुनाव आयोग से रोक लगाने के लिए लिखित आवेदन प्रस्तुत कर चुकी है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस बार बहुत ही उलटफेर होने वाला है।