
नसीम खान संपादक
प्रमुख पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाले निर्माणाधीन ओवरब्रिज निर्माण को रेल विभाग भूला।
सांची,,, वैसे तो इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल को अन्य पर्यटक स्थलों से सरकारें जोड़ने बड़ी बड़ी घोषणा बड़ी बड़ी बाते करती दिखाई दे जाती है परन्तु इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल को सरकार से बड़ी सौगात की खुशी तब मिल गई थी जब लगभग पांच वर्ष पूर्व इस स्थल को ओवर ब्रिज की सौगात मिली थी इतना लंबा अंतराल गुजरने के बाद भी ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा नहीं हो सका।
जानकारी के अनुसार इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल को अन्य पर्यटक स्थलों से जोड़ने तथा इस स्थल से लगभग पचास ग्रामो के लोगों को यहां बरसों से स्थित रेलवे गेट से छुटकारा दिलाने एवं लंबे मार्ग को इस स्थल से जोड़ने की सीधी राहत उपलब्ध कराने के लिए गुलगांव मार्ग पर स्थित करोड़ों की लागत से ओवर ब्रिज की सौगात मिली थी तब इस सौगात से न केवल पर्यटकों बल्कि लंबी दूरी के चलने वाले वाहनों एवं लगभग पचास गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा आज से लगभग पांच वर्ष पूर्व इस ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू किया गया था तब इस ओवर ब्रिज निर्माण का भूमिपूजन तत्कालीन वन मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक डॉ गौरीशंकर शेजवार ने किया था परन्तु इतना लंबा अंतराल गुजरने के बाद भी इस निर्माणाधीन ओवरब्रिज निर्माण की सौगात पूरी नहीं हो सकी जिससे लोगों को आज भी गुलगांव रोड़ पर स्थित रेलवे गेट पर धक्के मुक्की खाते हुए क्रास करने मजबूर होना पड़ रहा है इतना ही नहीं इस रेलवे क्रासिंग पर लोगों की इतनी भीड़ लग जाती है कि लोगों को रेलवे गेट क्रास करने भारी मशक्कत करनी पड़ती है इस गेट क्रास करने का सबसे बड़ा खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों गर्भवती महिलाओं को भोगना पड़ता है जब दोनों ओर से ट्रेनों की आवाजाही रुक नहीं पाती ।तब या तो गंभीर मरीजों को दम तोडना पड़ता है यही हाल गर्भवती महिलाओं का भी रहता है जबकि सांची का एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र है जहां अपनी बीमारी का दूरदराज के लोगों को उपचार कराना पड़ता है हालांकि ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ चुकी है जब रेलवे गेट समय पर न खुलने से गर्भवती महिलाओं को प्रसव करने पर मजबूर होना पड़ा तथा उपचार के अभाव में गंभीर मरीजों के दम तोड़ना पड़ा इतना ही नहीं तैयार फसलों के समय कभी कभी फायरबिग्रेड को भी गेट के इंतजार के कारण समय पर न पहुंचने से खडी फसलों को भी स्वाहा होते देखा जा चुका है इसके साथ ही दूरदराज से आए इस स्थल के दर्शन करने के उपरांत लगभग छः किमी दूर स्थित उदयगिरि जिनकी प्राचीन गुफाएं विश्व भर में विख्यात है उन्हें देखने का सपना संजोने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को या तो घंटों तक रेलवे गेट क्रास करने इंतजार करना पड़ता है अथवा गेट नं खुलने पर वापस लौटने मजबूर होना पड़ता है । इतना सबकुछ होते हुए सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र के किसानों को तब आती है जब वह अपने खेतों पर आने जाने की समस्या से जूझते दिखाई दे जाते हैं तब इस ओवर ब्रिज की मिली सौगात से कछुआ गति की निर्माण चाल ने लोगों में आक्रोश बढा दिया है इस अधूरे निर्माण से निर्माणाधीन एजेंसी तो बेफिक्र बन कर बैठी है वहीं शासन प्रशासन तथा रेलवे विभाग भी इस अधूरे निर्माण की सुध लेने जहमत नहीं उठा पा रहे हैं हालांकि इस मार्ग से शासन में बैठे स्वास्थ्य मंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रभूराम चौधरी अनगिनत बार गुजर चुके हैं बावजूद इसके इस ओवर ब्रिज निर्माण कार्य के लिए प्रयास तक नहीं हो सके । तथा लोगों को आज भी रेलवे गेट पार करने मुश्किल उठानी पड़ रही है ।