
संवाददाता दिलेश्वर चोहान
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या और ठेकेदार के सेप्टिक टैंक के अंदर पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव मिलने के मामले की गुत्थी अब लगभग सुलझ गई है। मामले की जांच कर रही पलिस ने हत्याकांड में मुकेश के चचेरे भाई को मुख्य आरोपी बनाया है। पत्रकार के अपहरण और हत्या से पहले एक कॉल को लेकर पुलिस की शक की सुई रितेश चंद्राकर (मुकेश चंद्राकर के चचेरे भाई) पर पहले ही घूम रही थी। छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को बीजापुर में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की संपत्ति पर बने सेप्टिक टैंक में मिला था। उनकी हत्या की जांच ने एक महत्वपूर्ण मोड़ ले लिया है, क्योंकि अधिकारियों ने मुकेश के चचेरे भाई की पहचान मुख्य संदिग्ध के रूप में की है।
अपनी मृत्यु से पहले मुकेश बस्तर के गंगालूर से नेलसनार गांव तक 120 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना से जुड़े कथित भ्रष्टाचार घोटाले की जांच कर रहे थे। इस परियोजना की शुरूआत में कीमत 50 करोड़ रुपये थी, लेकिन इसके दायरे में कोई बदलाव किए बिना इसकी लागत दोगुनी से भी अधिक हो गई। इसमें शामिल ठेकेदार सुरेश चंद्राकर थे। 1 जनवरी को सुरेश के चचेरे भाई रितेश चंद्राकर का फोन आने के कुछ ही देर बाद मुकेश गायब हो गया। बताया जाता है कि रितेश ने मुकेश और सुरेश के बीच मीटिंग तय की थी। इस मीटिंग के बाद मुकेश का फोन ऑफलाइन हो गया, जिसके बाद उसके बड़े भाई युकेश ने 2 जनवरी को उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकेश के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने सड़क परियोजना की जांच शुरू कर दी है। उसके खुलासे ने इलाके के ठेकेदारों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जांच अब मामले में परिवार के सदस्यों की संलिप्तता पर केंद्रित है।