
राघवेन्द्र श्रीवास्तव सुल्तानपुर
सुल्तानपुर–समीपस्थ ग्राम चादन घोड़ा में विद्युत अव्यवस्था को लेकर चार पंचायतों के सरपंच पंच एवं ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे!
विद्युत अव्यवस्था में चार पंचायतों के करीब 25 गांव परेशान हैं जिसमें ग्रामीण विद्युत व्यवस्था के चलते करीब 4 माह अधिक समय से परेशान चल रहे हैं जिसमें विद्युत नहीं रहने से खेतों में खड़ी फसल सूखने की कगार पर है, पानी नहीं गिरने से ऐसी भीषण गर्मी के चलते घरों में लोग गर्मी के चलते बीमार और परेशान हो रहे हैं, गांव क्षेत्र में इतने मच्छर हैं कि लोगों के साथ जानवरों का उठना बैठना भी मुश्किल बना हुआ है !विद्युत नहीं होने के चलते गांव के बच्चे पढ़ने से मेहरूम है वही गांवों में पानी की समस्या क्यों लेकर भी लोग परेशान दिख रहे क्योंकि विद्युत नहीं होने के चलते ग्रामीण गांव की टंकी नहीं भरने के कारण पानी की समस्या से भी जूझ रहे हैं ! किलोमीटरो जाकर लाइनमैन को लाना पड़ता है उसके साथ जाकर विद्युत कहां खराब है उसे देखना पड़ता है इसके बाद ही लाइन चालू होती है क्योंकि हम ग्रामीणों का फोन विद्युत मंडल का कोई भी कर्मचारी नहीं उठाता है इसके चलते हमें दिन-रात इस समस्या से जूझना पड़ रहा है !
20 किलोमीटर दूर खंडेरा फीडर से होता है लाइट का संचालन-चादन घोड़ा गांव से दूर करीब 20 किलोमीटर खंडेरा गांव से इस क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था का संचालन होता है जिसमें घने जंगलों के बीच विद्युत सप्लाई की गई है इसके चलते आए दिन लाइन का टूटना, खंभों का गिरना आदि अन्य समस्याओं के चलते 2 दिन से 4 दिन तक गांव को अंधेरे में बैठने के साथ विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है !
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का क्षेत्र है – प्रभु राम चौधरी इस क्षेत्र से विधायक हैं और प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं इस सबके चलते आज ग्रामीण विद्युत व्यवस्था को लेकर सड़कों पर आकर बैठ गए हैं जिसमें इस क्षेत्र की 4 पंचायतों सम्मिलित हैं गुंदरई कॉलोनी, हिनोतिया, चिलवाहा, एवं भूसी वेटा प्रमुख है !
आदिवासी बाहुल्य है क्षेत्र-यह क्षेत्र पूर्ण रूप से आदिवासी क्षेत्र है जिसमें वर्तमान में तीन पंचायत में महिला सरपंच है इनमें हिनोतिया पंचायत में श्रीमती मागों बाई उ्ईके , चिलवाहा पंचायत में सरपंच सरूती बाई, भूसी बेटा पंचायत अनीता बाई एवं गुंदरई कॉलोनी में विजय लखन जाट सरपंच है इस तरह आदिवासी पंचायतों में आदिवासियों के साथ विद्युत व्यवस्था को लेकर इस तरह का बर्ताव सरकार द्वारा, करीब 25 सालों से किया जा रहा है जहां विद्युत व्यवस्था जर्जर बनी हुई है ग्रामीण इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं इसी को लेकर 4 पंचायतों के लोगों को एक मंच पर आकर विद्युत संकट को लेकर एकत्रित होना पड़ा !
गांव के वरिष्ठ टीकाराम पटेल पूर्व सरपंच नारायण सिंह जाट, पूर्व सरपंच भगवान सिंह, दयाराम पटेल, प्रेम नारायण जाट ने बताया कि विद्युत व्यवस्था को लेकर हम सभी ग्रामीण विकास पर्व के दौरान, और विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान विधायक के समक्ष अपनी समस्या रख चुके हैं समय-समय पर हमने मौखिक एवं लिखित आवेदन देकर इस समस्या से निजात दिलाने का मंत्री विधायक कलेक्टर एवं विद्युत मंडल के अधिकारियों से अनुनय विनय किया इस सबके चलते आज दिनांक तक हम इस विद्युत संकट से जूझ रहे हैं !
ग्रामीणों ने बताया कि यह हमारा पूरा संपूर्ण क्षेत्र भाजपा समर्थित क्षेत्र है जहां बरस से
2 भाजपा का गढ़ रहा है यहां हमेशा भाजपा नहीं प्रतिनिधित्व किया है इस सबके चलते आज हम लोगों के साथ इस तरह का छलावा किया जा रहा है ! 25 सालों से से अधिक पुरानी है विद्युत लाइन–इस क्षेत्र की लाइन 25 सालों से अधिक पुरानी है जो एकदम पतली एवं जर्जर हो चुकी है इसके चलते वह मामूली हवा पानी या अधिक लोड सहन नहीं कर पा रही है इसके चलते हर घंटे में लाइट आती जाती बनी रहती है ! ग्रामीणों ने बताया कि अगर लाइट चली जाती है तो हमारी जान पर आ जाती है कि अब कहां जाकर हमें यह समस्या को देखना पड़ेगा की लाइट कहां से गई है, खासतर से हमें बारिश में इस समस्या से जूझने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है !
उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी विद्युत मंडल के अधिकारी को विद्युत अव्यवस्था को लेकर ज्ञापन सौंप रहे हैं इसके बाद चार दिन बाद हम इस समस्या को लेकर चक्का जाम करेंगे अगर इस सुधार नहीं होता है तो ! हमेशा से जिम्मेदार एक ही बात करते चले आ रहे हैं कि सुधार कार्य जारी है परन्तु समस्या का स्थाई समाधान खोजने में विद्युत वितरण कंपनी नाकाम साबित हो चुकी है ।
क्या कहते हैं जूनियर इंजीनियर संजय पटेल-ने कहा कि इस क्षेत्र की लाइन करीब 25 साल पुरानी है इस समय लाइन पर अधिक लोड होने के कारण आए दिन अव्यवस्था बनी हुई है, जबकि इस क्षेत्र में मेंटेनेंस करा दिया गया है ! फिर भी सुधारी करण का प्रयास करेंगे और शीघ्र इस क्षेत्र में बेहतर सुधार होगा !
नसीम खान संपादक