
वसीम कुरैशी की रिपोर्ट
रायसेन,,सोनोग्राफी के लिए जिला अस्पताल में प्रसूताओं को करना पड़ता है घंटों इंतजार,रेडियाग्राफर डॉक्टर का स्थायी पद नहीं, उदयपुरा के बीएमओ रोजाना रायसेन करते हैं अपडाउन, बैशाखियों पर टिका सिस्टम, इमरजेंसी में खड़ी होती है समस्या, स्वास्थ्य मंत्री के गृह उजिले की चिकित्सा सेवाएं हुईं बद से बदतर
रायसेन। शासकीय जिला अस्पताल की सोनोग्राफी व्यवस्था बैसाखियों पर टिकी हुई है यहां प्रतिदिन प्रसूताओं को सोनोग्राफी कराने के लिए तमाम समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है साथ ही सुबह से लेकर दोपहर तक घंटों इंतजार के बाद उदयपुरा से बीएमओ डॉ रजनीश सिंघई कार से अप डाउन कर रायसेन आते हैं। इसके बाद शुरू हो पाती सोनोग्राफी सुविधा ।तब तक महिलाओं प्रसूताओं को भूखे प्यासे डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है। इमरजेंसी में तो सोनाग्राफी करना बड़ी मुश्किल होती है ।डॉक्टरों द्वारा इमरजेंसी में सोनोग्राफी की पर्ची लिखे जाने के बावजूद प्रसूताओं को घंटों तड़पना पड़ता है ।बावजूद इसके फिर भी सोनोग्राफी समय पर नहीं हो पाती ।कहने को तो यह रायसेन जिला अस्पताल प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी विदिशा रायसेन के भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव जिले के प्रभारी मंत्री डॉ अरविंद भदौरिया के प्रभार वाले जिला है ।लेकिन यहां की चिकित्सा सुविधाएं फिर भी बद से बदतर हो चुकी हैं तो शायद मरीजों की बात कोई भी गंभीरता से नहीं सुनता मजबूरन उनको घंटों इंतजार करने के लिए विवश होना पड़ता है ।यह प्रसूता ओं की यह समस्या 1 दिन की नहीं बल्कि रोजाना की है ।जिला अस्पताल में बताया जाता है कि रेडियोग्राफर डॉक्टर का पद खाली है ।उसके पहले सोनोग्राफी का कार्य रेडियोग्राफर डॉ एसएस कुशवाह पर था ।उनके द्वारा रिटायरमेंट लेने के बाद से यह सुविधाएं बैसाखियों पर ही टिकी है ।कई बार लोगों ने ई एम आर आई मशीन के लिए और सोनोग्राफी कक्ष मरेडियोग्राफर के पद पर नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य मंत्री से शिकायतें भी की। लेकिन इसके बावजूद इस बिगड़े सिस्टम को सुधारने के लिए गंभीरता से ना तो अधिकारियों ने ध्यान दिया और ना ही जनप्रतिनिधियों ने।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार रोजाना प्रसूता महिलाओं को खाली पेट भूखे प्यासे सोनोग्राफी कक्ष के बाहर रजिस्ट्रेशन के लिए बैठना पड़ता है ।यहां बैठने वाली स्टाफ नर्स भी रवैया वठीक नहीं बताया जा रहा है ।परेशान प्रसूताओं का कहना है कि वह कई बार हमारे साथ बदसलूकी कर चु की है और ध्यान नहीं देती।सुबह यदि सुबह प्रसूताओं का जैसे तैसे रजिस्ट्रेशन हो जाए तो सोनोग्राफी के लिए भी उनको घण्टों इंतजार करना पड़ता है ।क्योंकि यहां उदयपुरा बीएमओ डॉ रजनीश सिंघई कार से रायसेन लगभग 3 से 4 घंटे में आते हैं करीबन 40 से 50 सोनोग्राफी करने के बाद वह उदयपुरा के लिए रवानगी डाल देते हैं ।प्रसूती प्रसवोत्तर केंद्र में अगर कोई गायनिक डॉक्टर प्रसूता के लिए इमरजेंसी सोनोग्राफी के लिए लिख दे तो यहां जिला अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है ।उसको अगले दिन के लिए इंतजार करना पड़ता है तब तक प्रसूताओं की परेशानी हद से ज्यादा हो जाती है ।कहने को तो यहां मेडिकल ऑफिसर डॉ दीपक गुप्ता को इमरजेंसी में सोनोग्राफी के लिए आदेशित किया गया है ।लेकिन बताया जाता है कि वह अपने निजी हॉस्पिटल के मरीजों की जिला अस्पताल में सोनोग्राफी करते हैं। और बाकी इमरजेंसी के लिए बोल देते हैं सोनोग्राफी करेंगे ।जिला अस्पताल के डॉक्टरों की आपसी खींचतान और कमाई के लालच में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं।साथ ही जिला अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की प्रति स्पर्धा के चलते राजनीति का अखाड़ा बन चुका है। डॉक्टर एक दूसरे पर टालते हैं ।काम करने में विश्वास नहीं करते ।जिससे मरीज और प्रसूताओं की परेशानी कभी खत्म होने का नाम नहीं लेती।सोनोग्राफी कराने लिए आईं प्रसूता रजनी बाई शीला वती, राज नन्दनी रैकवार,गुलशन बी रेखा देवी बताती हैं कि सोनोग्राफी कक्ष के बाहर वह सोनोग्राफी कराने के लिए पंजीयन कराए जाने आई है।वह सुबह 2 से 3 घण्टे में पंजीयन करा सकी है।दोपहर 12 से 1 बजे के बीच सोनोग्राफी के लिए नंबर आ पाएगा।यहां रजिस्ट्रेशन करने बैठी स्टाफ नर्स का व्यवहार ठीक नहीं है।वह नर्स प्रसूताओं से हरदम बदसलूकी करने से बाज नहीं आती।प्रसूति कक्षके बाहर मरीजों प्रसूताओं को बैठने के लिए सिर्फ एक बैंच रखी जाती है बाकी को खड़े होकर अपने रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बारी का इंतजार करना पड़ता है।
इनका कहना है….
डॉ रजनीश सिंघई उदयपुरा के बीएमओ भी है।रेडियोलॉजिस्ट होने के नाते जिला अस्पताल में प्रसूताओं की सोनोग्राफी कराने की जिम्मेदार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सौंप रखी है।सोनोग्राफी के सिस्टम को सुधारने की लगातार कोशिश की जा रही है।डॉ अनिल ओड सिविल सर्जन रायसेन
. नसीम खान संपादक