
नसीमखान
सांची,,, वैसे तो इस स्थल को हजारों साल पुरातात्विक संपदा अपने मैं समेट कर रखने के लिए विश्व भर मे जाना जाता है इस कारण देशविदेश से लोग इस पुरातात्विक इतिहास की ऐतिहासिकता से रूबरू होने की ललक मन मे लेकर आते है ।इस पुरातात्विक संपदा को सुरक्षित संरक्षण का जिम्मा पुरातत्व विभाग वहन करता है बहुमूल्य बेशकीमती धरोहरों को तो विभाग ने अपने अधीन ले लिया परन्तु इस स्थल का समूचा क्षेत्र अपनी पुरातात्विक ता अपने मे समेटे हुए है जो उक्त विभाग की अनदेखी के चलते बिखरे पड़े होने पर मजबूर है ।
जानकारी के अनुसार यह नगर अपने आप मे पुरासम्पदा समेटे हुए है इस हजारों साल पुरानी पुरा संपदा को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण करता है इस पुरातात्विक ऐतिहासिकता से रूबरू होने देश विदेश के लोग यहाँआते रहते है तथा जितनी संपदा पुरातत्व विभाग अपने अधीन ले सकता था लेकर सुरक्षित कर ली परंतु इस स्थल का पूरा क्षेत्र ही पुरातात्विक ऐतिहासिकता से पटा पडा है ऐसी अनेकों संपदा जो अपने मे हजारों साल पुरानी ऐतिहासिकता समेटे हुए खुले आसमान के नीचे भगवान भरोसे बिखरी पड़ी दिखाई दे जाती हैं जिनकी सुध लेने का किसी के पास समय नहीं दिखाई देता है कुछ तो ऐसी पुरातात्विक संपदा हैं जिनकी देखरेख आसपास के लोगों को करना पडती है तथा लोगों की बदौलत आज वह दिखाई दे जाती हैं ।इस स्थल से मात्र डेढ किमी की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी जिसे नागौरी की पहाड़ी के नाम से जाना जाता है बताया जाता है इस पहाड़ी पर अनेक बेशकीमती प्रतिमाओं को निखारा गया था तथा आज भी यह पहाडी अपने आप मे बहुत सी बेशकीमती संपदा समेटे हुए है इसी पहाड़ी पर इसके एक छोर पर भगवान विष्णु की हजारों साल प्राचीन प्रतिमा भी मौजूद हैं तथा इस प्रतिमा के सर के ऊपरी हिस्से में सर्पों का मुकुट सा दिखाई देता है हालांकि हजारों साल प्राचीन इस प्रतिमा को खंडित सा किया दिखाई देता है बताया जाता है इस प्रतिमा के निकट अनेक छोटी मोटी संपदा भी बिखरी पड़ी थी वर्षों बिखरी पड़ी संपदा को अपने आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने सैकड़ों साल पहले इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली थी तथा इस प्रतिमा के सभी खंडित भागों को एकत्रित कर उसे मूर्तरुप देने का प्रयास किया एवं भगवान विष्णु की प्रतिमा को खडी कर उसे अपने मूर्तरुप मे लाने का ,प्रयास किया तथा सभी हिस्से इकट्ठा कर प्रतिमा को खडी कर दी गई एवं गांव वाले बताते है हमारे पुरखों ने इन इन्हें मूर्तरुप देने की काफी मशक्कत की एवं हमें विरासत में यह बिखरी पड़ी पुरा संपदा सौंप गए जिसको हम सभी गांव के लोग आपस मे मिलजुलकर रखरखाव करते हैं इसके साथ ही बताया कि .यह प्रतिमा हमारे पूर्वज बताया करते थे यह भगवान विष्णु की यह प्रतिमा रही होगी तबसे ही हम सभी मिलकार इसकीतीज त्यौहार पर पूजा अर्चना करते है तथा हर दिन दीपक जलाते हैं यह सिलसिला काफी बरसों से चलता आ रहा है ।काफी बरसों से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है जिससे यह प्रतिमा खंडित होने से बचाने हम सभी ग्राम वासी प्रयास रत रहते है तथा इसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं बावजूद इसके इस स्थल की ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक संपदा को सुरक्षित एवं संरक्षित करने पर विभाग करोडों रुपये फूंक रही हैं परन्तु बिखरी पड़ी पुरासम्पदा को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने न तो पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों न ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ही सुध लेने की फुरसत मिल पाई है हालांकि ऐसी बिखरी पड़ी पुरासंपदा को सुरक्षित एवं संरक्षित करने पुरातत्व विभाग द्वारा एक संग्रहालय को भी अस्तित्व में लाया गया था जिसमे आजभी बेशकीमती पुरासंपदा को पर्यटकों के देखने के लिये उसमे अनेक पुरासम्पदा को सुरक्षित एवं संरक्षित कर रखा गया है तथा संग्रहालय परिसर भी इतना लंबे चौडे क्षेत्र में फैला हुआ है कि आसपास बिखरी पड़ी पुरा संपदा कै सुरक्षित एवं संरक्षित किया जा सकता है परन्तु यह बिखरीपडी पुरासम्पदा को अपने सुरक्षित एवं संरक्षण की लगातार दरकार बनी हुई है ।