
विदिशा
समाजसेवी समाज के संरक्षक- ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मुखर्जी नगर सेवा केंद्र में समाजसेवियों एवं प्रतिभावान छात्रों का सम्मान किया गया। एसडीएम गोपाल वर्मा ने सभी बच्चों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने समाजसेवी सम्मलेन के उदेश्य की जानकारी देते हुए कहा कि समाज सेवा दो प्रकार की है – एक वो जो रोटी, कपडा, मकान, विद्या और औषधि देता है, जिस दिशा में आज हज़ारों-लाखों संस्थाएं कार्य कर रही हैं और आवश्यक भी है। दूसरा है समाज सुधारक, ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान भी समाज सुधारक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। इसी उदेश्य के साथ यहाँ सम्मलेन आयोजित किया गया है जिससे हर समाज सेवी समाज सेवा के साथ एक समाज सुधारक भी बन सके, समाज के संरक्षक भी बन सकते हैं। ईश्वरीय नियमों को जीवन में आत्मसात करने वाले समाजसेवी निरंतर समाज उत्थान में अहम योगदान दे सकते हैं। ब्रह्माकुमारी रुकमणी दीदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समाज सेवा वही कर सकते हैं जिनके अंदर त्याग है, त्याग के बिना कभी सेवा नहीं हो सकती। समय, श्वांस, संकल्प, तन, मन और धन निःस्वार्थ रूप से सेवा में लगाने वाले समाज सेवी ही समाज को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। समाज सेवा के लिए स्व परिवर्तन बहुत जरुरी है, क्योंकि जो स्वयं में परिवर्तन लाता है वही समाज में परिवर्तन ला सकता है। एसडीएम गोपाल वर्मा जी ने अपनी शुभ भावनाएं रखते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज का आध्यात्मिक ज्ञान, विज्ञान से भी ऊपर है
इसकी आज के समाज को सख्त जरुरत है। विद्यालयों में नैतिक मूल्यों के ज्ञान का अभाव है। एक समय था जब श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को अपने कन्धों पर उठाकर सभी तीर्थ यात्रायें कराई लेकिन आज के श्रवण कुमार अपने वृद्ध माता पिता को ऑटो में बिठाकर कहीं भी अनजान जगह छोड़कर आ जाते हैं। यहाँ कई प्रकार के समाजसेवी बैठे हैं जो देश और दुनिया में कई प्रकार की समाज सेवा कर रहे हैं लेकिन आज जरूरत है सभी को जागरूक करने की, आध्यात्मिक ज्ञान की, जो लोगों के अंदर के मूल्यों को जगाये। आखिर कितने वृद्धाश्रम खोले जायेंगे, कितने समाज सेवी संस्थाएं खोली जाए! जरुरत है एक ऐसे ज्ञान की जो लोगों को लाचार और बीमार होने से बचाये। हम सभी समाज सेवकों की जो जिंदगी है गुलाब के पौधों जैसी है, जिसमें बहुत सारे कांटे हैं लेकिन अथक परिश्रम से उन काँटों के बीच जो फूल निकलता है तो काफी सुन्दर लगता है, जिस दिन हम सभी समाज सेवियों के अंदर आध्यात्मिक चेतना और नैतिक मूल्य आ जायेंगे उस दिन समाज भी गुलाब की खुशबू से महकेगा। ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी समाजसेवियों एवं प्रतिभावान बच्चों का सम्मान फटका एवं फूल गुलदस्ता, प्रशस्ति पत्र देकर किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी अतुल शाह, राजकुमार सराफ, सुचिता सोनी, वेद प्रकाश शर्मा, मोहनलाल भावसार, अरुण कुमार सोनी, राजाराम राजपूत, प्रिंस राजपूत,
चारु सक्सेना आदि अधिक संख्या में भाई-बहन उपस्थित रहे।