
नसीमखान
सांची,,, तीन दिन पूर्व नगर से चार किमी दूर स्थित गुलगांव के पास एक खेत की तारफैसिग मे फंसकर हुई तेंदुए की मौत मामले में वनविभाग ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया तथा वनविभाग का शिकार का वनप्रकरण दर्ज कर लिया।
जानकारी के अनुसार नगर से चार किमी दूर स्थित ग्राम गुलगांव के समीप गुलगांव के एक खेत की तारफैसिग मे फंसकर तेंदुए की मौत हो गई थी तब वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया था तथा तेंदुए को तार से निकाल कर उसका उपचार शुरू किया परन्तु उपचार के दौरान तेंदुए की मौत हो गई थी इस मामले को वनविभाग ने गंभीरता से लेकर जांच शुरू की थी तब वनविभाग के अधिकारी कर्मचारियों जिनकी जिम्मेदारी वनो की सुरक्षा एवं वनजीवो की सुरक्षा कंधों पर रहती हैं तब कर्मचारियों पर सवाल खडे हो चले थे कि वनविभाग के कर्मचारियों को ही अपने क्षेत्र में तेंदुआ होने की भनक तक नहीं लग सकी जिससे वनजीवो की सुरक्षा की ओर ध्यान दिया जा सके इस मामले में वनविभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही पर भी लोगों मे चर्चा शुरू हो गई थी क्षेत्र का वनविभाग न तो वनजीवो की सुरक्षा व्यवस्था में ही चौकस दिखाई दिया न ही वनो की रक्षा करने में ही चौकसी बरतने मे इसके साथ ही वनक्षेत्रों मे भी अवैध उत्खनन हमेशा चर्चित रहता है उस संपदा की ही सुरक्षा मे असफल साबित हो पाया ।ऐसे ही एक मामले की खबर नरखेडा गांव के पास तेंदुए की खबर सुनने को मिली थी ।आखिर कार वनविभाग के अधिकारियों ने तेंदुआ मामले में रामभरोसे अहिरवार जो खेत मालिक है 58 वर्षीय निवासी गुलगांव एवं अनिल पुत्र कैलाश उम्र 40 वर्ष है खेत में फसल की सुरक्षा करने तार के फंदे लगाये गए थे जिनमें तेंदुए की फंसकर जान चली गई ।इन दोनों को वनविभाग ने वन अधिनियम अंतर्गत वनजीवो के शिकार अंतर्गत वन अपराध दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया एवं न्यायालय भेजा जहाँ से न्यायालय के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया ।बहरहाल वनो की सुरक्षा में चूक को लेकर भी वनविभाग अपने तैनात अधिकारी कर्मचारियों पर भी लगाम कसी जाना चाहिए जिससे वनजीवो की एवं वनसंपदा की सुरक्षा हो सके ।