
नसीमखान
सांची,, वैसे तो इस विश्व विख्यात स्थल पर भी खूब चलाया गया स्वच्छता अभियान परन्तु इस अभियान को पलीता लगता दिखाई देने लगा है नालियों में गंदगी के अंबार लग चुके है बदबू फैलने लगी दिखाई दे रही हैं ।प्रशासन बेखबर बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार इस स्थल पल विकास एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने सरकार ने इस स्थल को नगर परिषद का दर्जा दिया ।इस परिषद की जिम्मेदारी भी नगर के ही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सौंपी गई इसके बाद भी नगर मे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने मे नाकाम साबित हो चुकी है ।नगर में वैसे तो प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान खूब चला तथा इस अभियान पर करोड़ों रुपए का पलीता भी लग गया बावजूद इसके नगर मे स्वच्छता अभियान पूरी तरह असफल साबित होकर रह गया ।प्रशासन ने स्वच्छता सडको पर झाडू लगाने तक सिमटा दिया ।नगर के भीतरी भाग आज भी स्वच्छता की बाट जोह रहे है गंदगी ने अपने पांव जमा रखें है नालियों में गंदगी भरी पड़ी है इसका जीता जागता उदाहरण बसस्टैंड के पिछले हिस्से में स्थित नाला हुआ करता था वह पूरी तरह गंदगी की जकड मे बदबू मारता दिखाई दे रहा है परन्तु सफाई न होने से रहवासियों को गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। इसके साथ ही मच्छरों की तादाद बढने से भी बीमारी का अंदेशा खडा हो गया है न तो नालियों की सफाई की ओर ध्यान पहुंच पा रहा है न ही मच्छरों को काबू करने कीटनाशक दवाओं का ही छिडकाव हो सका है ।
जैसे तैसे हुआ विकास वो भी धराशायी।
इस स्थल पर जैसे तैसे विकास के नाम पर राष्ट्रीय राजमार्ग ने करोड़ों की लागत से सडको का निर्माण करा दिया था परनामी वाटर प्लांट कंपनी द्वारा पाइप लाइन बिछाने एवं उनकी जांच के नाम पर सडको को बेधडक खुदवा डाला तथा सडको को मिट्टी में दबा डाला स्थानीय प्रशासन तमाशबीन बनकर चुप्पी साधे देखता रह गया ।
पेयजल आपूर्ति करने मे नाकाम प्रशासन।
अभी ठंड का मौसम पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ था गर्मी का मौसम शुरू भी नहीं हो सका कि नगर में पेयजल संकट गहराने लगा है लोग पेयजल के लिए अभी से जद्दोजहद करते दिखाई देने लगे हैं इस पेयजल संकट से प्रशासन ने कोई प्रयास भी शुरू नहीं किये तथा हर दिन होने वाली पेयजलापूर्ति अब दो दिन में एक बार कर दी है वह भी सुनिश्चित समय निर्धारित किया गया है जबकि पेयजल पर भारी बढोत्तरी कर डेढ सौ रुपये माह कर दी गई ।तब यह नगर वासियों पर बोझ डालते हुए पेयजल आपूर्ति पंद्रह दिन ह़ो गई तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेयजल के नाम पर स्थानीय प्रशासन को पेयजल दर प्रदाय के अनुसार सुनिश्चित करनी थी परंतु ऐसा नहीं हो सका ।जैसे जैसे गर्मी अपना रोद्र रूप धारण करेगी तब लोगों को पेयजल के भारी संकट से जूझना पड़ सकता है इस ओर प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है ।
नगर भर मे सुअरों का वर्चस्व ।
नगर भर मे जगह जगह खुले आम सुअर गंदगी को मचाते दिखाई दे जाते है इससे और अधिक गंदगी तथा बदबू फैलने लगती है जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ गया है प्रशासन पूरी तरह रोक लगाने में नाकाम साबित हो चुका है । ऐसे अनेक स्थानों को आसानी से गंदगी की जकड़न मे जकडा देखा जा सकता है।