
जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
दिलेसर चौहान,, संवाददाता
बनवारी लाल कश्यप पिता ललित कश्यप उम्र 24 वर्ष ग्राम खैरा ने जिला जेल खोकसा में अनिरुद्ध था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग लड़की को भगा ले जाने एवं बलात्कार का गंभीर आरोप था ।
कोर्ट ने 5 तारीख को धारा 376 के अंतर्गत 20 साल की सजा सुनाई थी ।
जिस से आहत होकर बनवारीलाल कश्यपने 7 तारीख को गमछे,कपड़े से फांसी लगा ली।
। इस मौके पर घटनास्थल से सुसाइड नोट एवं लड़की का फोटो बरामद हुआ है
जेल के अधिकारी एवं जेलर इस संबंध में जांच में जुट गई है,
लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
इस बीच फोटो जेल के अंदर कैसे पहुंची, एवं पहरा देने वाले प्रहरी की क्या भूमिका है
इस संबंध में छानबीन की जा रही है।
जेल में क्षमता से अधिक कैदी, एवं विचारधन कैदी निरुध है इन सबके बीच होते हुए भी, इस तरह से हादसा हो जाना काफी गंभीर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुसाइड नोट से जो बातें छनके आ रही है,
उसमें कहा गया है किन लड़की के मामा के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
लड़की ने अपनी मर्जी से 6 महीने तक रायगढ़ में रहे।
उनके घर वालों को पता चलने पर लड़की को ले आए एवं नाबालिक का आधार बनाकर मुझे जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इस संबंध में उन्होंने पामगढ़ है थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
एवं मुझे जेल भेज दिया।। तब से मैं बहुत ही आहत महसूस कर रहा हूं। यूं तो इस तरह से हंसते जिलों में बहुत ही मुश्किल है मगर आए दिन समाचार पत्रों के माध्यम से पता चलता है ,
किसी ने खूड्डी में फांसी लगा ली, तो कभी कंबल को काटकर फंदा बना लिया ।
क्योंकि सजा व्याप्त कैदियों को काटी , चम्मच पेन कॉपी या धारदार हथियार नुमा चीज नहीं दी जाती ।
एक गिलास ,एक कटोरी, एक थाली ,के साथ दो कंबल ,दिया जाता है।
अब जबकि इस तरह का हादसा जेल के विभागीय अधिकारी सुपरिटेंडेंट, जिला जेल के जेलर ,ने चौकसी बढ़ा दी है ।